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लेखनी प्रतियोगिता -05-Jun-2022

प्रकृति की आवाज 
प्रकृति की आवाज सुनो,
यही पुकार है खुशहाली चुनो।
एक रोचक तस्वीर जो आँखों में बसी,
जीवन और सृजन से है कसी।
एक नजर में बसी समृद्धि की दृष्टि,
एक पल में तृप्त हुई हमारी 
अंतर दृष्टि।
प्रकृति की सुषमा,
जीवन का है करिष्मा।
जीवन के साथ है रिश्ता,
जहाँ मधूर संगीत है गूंजता।
फूलों की खुशबू और सुंदरता,
से है यह जग महकता।
हरे भरे पेड़ महान,
प्रकृति की है शान।
झाड़,झरने,झँखार,
प्रकृति का है उपहार। 
पंछी की उड़ान,
कितना मधूर है उनका गान।
सागर और सरिता,
से है यह नीर बहता।
प्रकृति है महान,
हमें रखना है उसका ध्यान। 
खुशहाली जीवन चक्र का भार,
यही है हमारा जीवन आधार ।
-भूमिका शर्मा

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7 Comments

Seema Priyadarshini sahay

06-Jun-2022 11:19 AM

बेहतरीन रचना

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Punam verma

06-Jun-2022 09:06 AM

Nice

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Abhinav ji

06-Jun-2022 08:27 AM

Nice👍

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